Chhath Puja Panchang 20 November: पढ़ें सोमवार छठ पूजा का पंचांग, जानें तिथि, ग्रह, शुभ मुहूर्त और राहुकाल समय
Aaj ka Panchang 20 November 2023
Aaj ka Panchang 20 November 2023: हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 20 November 2023 का पंचाग...
20 नवंबर 2023 का शुभ मुहूर्त
वार सोमवार, 19 नवंबर 2023
आज का व्रत
छठ व्रत
त्योहार- 20 नवंबर 2023
छठ पूजा का चौथा दिन (उगते सूर्य को अर्घ्य)
अष्टमी तिथि
21 नवंबर 2023 को रात 3 बजकर 17 मिनट तक.
ध्रुव योग
20 नवंबर 2023 को रात 8 बजकर 34 मिनट तक.
धनिष्ठा नक्षत्र
20 नवंबर 2023 को रात 9 बजकर 26 मिनट तक.
आज के शुभ मुहूर्त
ब्रम्ह मुहूर्त: 05:00 AM से 05:53 AM
प्रात: संध्या: 05:26 AM से 06:46 AM
गोधूलि महूर्त : 05:25 PM से 05:52 PM
संध्यान्ह संध्या: 05:25 PM से 06:45 PM
अभिजीत मुहूर्त: 11:44 AM से 12:27 पी एम
विजय महूर्त: 01:52 PM से 02:35 पी एम
निशिता मुहूर्त: 11:39 PM से 12:33 AM, नवम्बर 21 तक
अमृत काल: 11:38 AM से 01:08 PM
अशुभ योग
राहुकाल: 08:06 AM से 09:26 AM
यमगंड: 10:46 AM से 12:06 PM
गुलिक काल: 01:25 PM से 02:45 PM
राहुकाल
दिल्ली: सुबह 08:06 से सुबह 09:26 तक.
मुंबई:सुबह 08:12 से सुबह 09:36 तक.
लखनऊ: सुबह 07:49 से सुबह 09:10 तक.
भोपाल: सुबह 07:58 से सुबह 09:21 तक.
अहमदाबाद- सुबह 08:17 से सुबह 09:40 तक.
कोलकाता: सुबह 07:14 से सुबह 08:36 तक.
चेन्नई: सुबह 07:35 से सुबह 09:01 तक.
चंडीगढ़- सुबह 08:11 से सुबह 09:30 तक.
सूर्योदय-सूर्यास्त का समय-20 नवंबर 2023
सूर्योदय- सुबह 6:47 AM
सूर्यास्त- शाम 5:26 PM
ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है.
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